तोक्यो : भारत व जापान इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान ऐतिहासिक असन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इससे जहां इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक व सुरक्षा संबंध मजबूत होंगे वहीं अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में परमाणु संयंत्र लगाना और सुगम होगा।
उल्लेखनीय है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे पिछले साल दिसंबर में भारत की यात्रा पर गए थे तो दोनों देशों में असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए व्यापक सहमति बनी थी। लेकिन कुछ मुद्दे लंबित होने के कारण इस समझौते पर अभी हस्ताक्षर किए जाने हैं।
जापान के प्रमुख अखबार योमियुरी शिंमबुन ने आज खबर दी कि मोदी व एबे श्रुकवार को समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
इस संधि से जापान द्वारा भारत को परमाणु प्रौद्योगिकी के निर्यात का मार्ग प्रशस्त होगा। जापान के साथ इस तरह का समझौता करने वाला भारत पहला देश होगा जिसने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
मोदी 11 नवंबर से जापान की यात्रा पर आ रहे हैं।
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