अलेप्पो. यहां शुक्रवार और शनिवार को रूस के फाइटर जेट से की गई बमबारी की तस्वीरें झकझोर देने वाली हैं। करीब 100 लोग मारे गए। इनमें कई बच्चे थे। एक पांच साल की बच्ची को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। लेकिन कई बच्चे ऐसे थे जो जिंदगी की जंग हार गए। पिछले पांच साल से चल रहे इस सिविल वॉर में 14000 बच्चों समेत 4 लाख सीरियाई मारे जा चुके हैं। इस मासूम की क्या गलती थी…
- इस हमले में मारे गए एक बच्चे को मां गोद में उठाए आसमान की ओर देख रही थी। शायद कह रही थी कि ऊपर वाले बता इस मासूम की क्या गलती थी।
- अल मार्जा में मलबे में दबकर एक बच्चा मारा गया। उसका सिर्फ पैर मलबे से बाहर नजर आ रहा था और बेबस पिता उसका पैर पकड़कर रो रहा था।
- अल-मार्जा में ही एक मासूम को उसका पिता बमबारी के बाद खंडहर हो चुके घर से निकाल तो लाया, लेकिन उसे बचा नहीं सका। फिर भी सीने और गले पर बार-बार हाथ लगा रहा था। इस उम्मीद में कि शायद सांस चल रही हो।
- अल मार्जा में मलबे में दबकर एक बच्चा मारा गया। उसका सिर्फ पैर मलबे से बाहर नजर आ रहा था और बेबस पिता उसका पैर पकड़कर रो रहा था।
- अल-मार्जा में ही एक मासूम को उसका पिता बमबारी के बाद खंडहर हो चुके घर से निकाल तो लाया, लेकिन उसे बचा नहीं सका। फिर भी सीने और गले पर बार-बार हाथ लगा रहा था। इस उम्मीद में कि शायद सांस चल रही हो।
सीरिया के बच्चे जिनके लिए पहले भी रोई है दुनिया
आयलान कुर्दी : 2 सितंबर 2015 को सीरिया में 3 साल का एक बच्चा समुद्र में डूबकर मर गया। उसका परिवार सीरिया के सिविल वॉर से बचने के लिए समुद्र के रास्त देश छोड़कर जा रहा था, तभी नाव पलट गई। इस हादसे पर दुनियाभर में दुख जताया गया था।
अदी हुदिया : सीरिया के बच्चों ने इतनी गोलीबारी देखी है कि वे जरा सी हरकत पर भी सहम जाते हैं। 2015 में ही अदी हुदिया का यह फोटो वायरल हुआ। कैमरामैन बच्ची का फोटो क्लिक करना चाहता था, लेकिन उसने कैमरे को बंदूक समझ सरेंडर के लिए हाथ ऊपर कर दिए।
ओमरान दैक्नीश : 17 अगस्त को अलेप्पो में एक अपार्टमेंट पर गोलाबारी हुई। इसमें 5 साल का ओमरान दैक्नीश बुरी तरह घायल हो गया। लेकिन उसका 10 साल का भाई मारा गया। भाई की मौत से वह इतना दुखी था कि उसे अपना दर्द भी महसूस नहीं हो रहा था। वह खून से लथपथ एंबुलेंस में गुमसुम बैठा हुआ था।
रीम अल-अत्तार : सीरिया से भागकर लेबनॉन पहुंचे अब्दुल हलीम अल-अत्तार इस फोटो ने भी पिछले साल अगस्त में दुनिया को झकझोर दिया था। वे लेबनॉन की कैपिटल बेरूत में पेन बेच रहे थे। सोई हुई बेटी रीम को गोद में उठा रखा था। हालांकि तस्वीर वायरल होने के बाद उनके लिए दुनियाभर से 1 लाख 90 हजार डॉलर (करीब 1.27 करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद जुट गई थी।