नई दिल्ली/मुंबई. कैश की किल्लत के चलते ईएमआई नहीं भर पा रहे लोगों को आरबीआई ने राहत दी है। 1 नवंबर से 31 दिसंबर के बीच की ईएमआई भरने के लिए 60 दिन की मोहलत मिलेगी। इस दौरान अगर आप ईएमआई भरने से चूक भी गए तो बैंक कोई कार्रवाई नहीं करेगा। यह छूट एक करोड़ रुपए तक के होम, कार, कृषि सहित सभी तरह के लोन पर रहेगी। बिजनेस, पर्सनल, सिक्योर्ड समेत सभी लोन इसके तहत कवर होंगे। एक करोड़ रुपए तक के वर्किंग कैपिटल अकाउंट होल्डरों को भी छूट मिलेगी। छूट सभी बैंकों और नॉन बैंकिंग संस्थानों के कर्जों पर लागू रहेगी। सवाल-जवाब में समझें पूरा मामला...
- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के एजीएम भारत भूषण ने इस एलान के बाद उठने वाले सवालों के जवाब दिए।
तो क्या दो महीने की ईएमआई माफ हो गई?
जवाबःनहीं। लोन पूरा चुकाना होगा। बस नवंबर और दिसंबर की किस्त ड्यू डेट के बाद 60 दिन में भरने की मोहलत मिली है।
जवाबःनहीं। लोन पूरा चुकाना होगा। बस नवंबर और दिसंबर की किस्त ड्यू डेट के बाद 60 दिन में भरने की मोहलत मिली है।
इससे मेरी ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा?
जवाबः मान लीजिए आपकी ईएमआई 10 नवंबर को ड्यू थी। इसे नहीं भर पाए हैं तो 60 दिन यानी 9 जनवरी तक भर सकते हैं। अगर 31 दिसंबर को ड्यू है तो इसे 28 फरवरी तक भर सकते हैं।
जवाबः मान लीजिए आपकी ईएमआई 10 नवंबर को ड्यू थी। इसे नहीं भर पाए हैं तो 60 दिन यानी 9 जनवरी तक भर सकते हैं। अगर 31 दिसंबर को ड्यू है तो इसे 28 फरवरी तक भर सकते हैं।
अगर नवंबर-दिसंबर में पैसा नहीं जमा करा पाया तो क्या जनवरी में तारीख बढ़ेगी?
जवाबः छूट सिर्फ नवंबर-दिसंबर के लिए है। जनवरी से तय तारीख पर ही किस्त भरनी पड़ेगी। छूट के दो महीने ईएमआई नहीं भरी तो जनवरी और फरवरी में दो-दो किस्तें भरनी पड़ेंगी। पैसे हों तो किस्त भरने में ही भलाई है। नहीं तो अगले महीने बोझ बढ़ेगा।
जवाबः छूट सिर्फ नवंबर-दिसंबर के लिए है। जनवरी से तय तारीख पर ही किस्त भरनी पड़ेगी। छूट के दो महीने ईएमआई नहीं भरी तो जनवरी और फरवरी में दो-दो किस्तें भरनी पड़ेंगी। पैसे हों तो किस्त भरने में ही भलाई है। नहीं तो अगले महीने बोझ बढ़ेगा।
अगर जनवरी में भी किस्त नहीं भर पाया तो क्या मेरा अकाउंट एनपीए हो सकता है?
जवाबः नहीं। बैंक चार ईएमआई चूकने पर अकाउंट को एनपीए घोषित करते हैं। छूट के कारण जनवरी की किस्त नहीं भी भरी तो तीन ईएमआई डिफॉल्ट नहीं मानी जाएंगी। अगर फरवरी अंत तक भी नवंबर-दिसंबर की किस्त नहीं भरी तो एनपीए घोषित कर बैंक कार्रवाई शुरू कर देगा।
जवाबः नहीं। बैंक चार ईएमआई चूकने पर अकाउंट को एनपीए घोषित करते हैं। छूट के कारण जनवरी की किस्त नहीं भी भरी तो तीन ईएमआई डिफॉल्ट नहीं मानी जाएंगी। अगर फरवरी अंत तक भी नवंबर-दिसंबर की किस्त नहीं भरी तो एनपीए घोषित कर बैंक कार्रवाई शुरू कर देगा।
मैंने नॉन बैंकिंग संस्थान से लोन ले रखा है? क्या मुझे भी इस छूट का फायदा मिलेगा?
जवाबः आरबीआई की यह छूट बैंकों के साथ-साथ लोन देने वाले दूसरे नॉन बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर भी लागू होगी।
जवाबः आरबीआई की यह छूट बैंकों के साथ-साथ लोन देने वाले दूसरे नॉन बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर भी लागू होगी।
क्या होगा फायदा?
- DHFL के सीईओ हर्षिल मेहता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि RBI का यह कदम स्वागत करने लायक है क्योंकि कई कस्टमर्स कह रहे थे कि नोटबंदी के चलते वे तय वक्त पर अपने लोन का री-पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे कई लोगों की EMI की तारीख महीने के पहले 15 दिनों के अंदर होती थी। आरबीआई के नियमों में ढील देने से लोगाें को आसानी होगी।
अकेले SBI में जमा हुए 1 लाख करोड़
- सोमवार को RBI ने नोटबंदी के बाद से अब तक हुए डिपॉजिट, विदड्रॉल और एक्सचेंज के आंकड़े जारी किए हैं। 10 नवंबर 18 नवंबर तक 5,11,565 लाख रुपए बैंकों में जमा किए गए हैं।
- RBI के मुताबिक, "देशभर में काउंटर या एटीएम से 1,03,316 करोड़ रुपए दिए गए। 5,44,571 करोड़ रुपए के नोट बदले या जमा किए गए। इनमें से 33,006 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले गए और 5,11,565 करोड़ जमा हुए।"
- "एसबीआई से 23,340 करोड़ रुपए विथड्रॉल किए गए। 6,477 करोड़ रुपए एक्सचेंज किए गए।"
- RBI ने ये आंकड़े रीजनल बैंक, रूरल और अर्बन बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और RBI काउंटर्स से मिली जानकारी के बाद जारी किए हैं।
- RBI ने ये आंकड़े रीजनल बैंक, रूरल और अर्बन बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और RBI काउंटर्स से मिली जानकारी के बाद जारी किए हैं।
15 लाख करोड़ के 500-1000 के नोट चलन में थे
- 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले से 4 घंटे में देश की 87 फीसदी करंसी चलन से बाहर हो गई।
- नोटबंदी तक देश की 15 लाख करोड़ की करंसी 500 और 1000 के नोटों की शक्ल में थी।
- 500 रुपए के 1650 करोड़ नोट यानी 8.25 लाख करोड़ रुपए चलन में थे।
-1000 रुपए के 670 करोड़ नोट यानी 6.70 लाख करोड़ रुपए चलन में थे।
- 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले से 4 घंटे में देश की 87 फीसदी करंसी चलन से बाहर हो गई।
- नोटबंदी तक देश की 15 लाख करोड़ की करंसी 500 और 1000 के नोटों की शक्ल में थी।
- 500 रुपए के 1650 करोड़ नोट यानी 8.25 लाख करोड़ रुपए चलन में थे।
-1000 रुपए के 670 करोड़ नोट यानी 6.70 लाख करोड़ रुपए चलन में थे।
पहली बार 1946 में बंद किए गए थे नोट
- 1000 रुपए के नोट समेत हाई वैल्यू वाले कई नोटों को पहली बार जनवरी 1946 में बंद किया गया था। फिर 1978 में इन्हें दोबारा बंद किया गया था।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डाटा के मुताबिक, अब तक सबसे ज्यादा मूल्य का 10 हजार रुपए का नोट 1938 में प्रिंट हुआ था। फिर इसे 1954 में भी प्रिंट किया गया था।
- लेकिन इस नोट को पहले जनवरी 1946 और फिर दोबारा जनवरी 1978 में बंद कर दिया गया था।
- 1000 रुपए के नोट समेत हाई वैल्यू वाले कई नोटों को पहली बार जनवरी 1946 में बंद किया गया था। फिर 1978 में इन्हें दोबारा बंद किया गया था।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डाटा के मुताबिक, अब तक सबसे ज्यादा मूल्य का 10 हजार रुपए का नोट 1938 में प्रिंट हुआ था। फिर इसे 1954 में भी प्रिंट किया गया था।
- लेकिन इस नोट को पहले जनवरी 1946 और फिर दोबारा जनवरी 1978 में बंद कर दिया गया था।
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