चीन ने कैंसर से लडऩे के लिए विवादास्पद जीन-फेरबदल तकनीक का किया परीक्षण



बीजिंग। दुनिया में पहली बार चीन में वैज्ञानिकों ने कैंसर का मुकाबला करने के लिए विवादास्पद जीन-फेरबदल परीक्षण का इस्तेमाल करते हुए एक व्यक्ति के शरीर में आनुवांशिक रूप से संवर्धित कोशिकाएं प्रविष्ट कराई हैंं।
इस टीम ने ‘सीआरआईएसपीआर-सीएएस 9’ नामक इस तकनीकी का उपयोग किया जो डीएनए के किसी खास हिस्से को काटने के लिए आनुवांशिक कैंची की भांति काम करती है। यह तकनीक अनुसंधानकर्ताओं कोशिकाओं से कैंसर वाली वंशानुगत जीनों को काटकर हटाने और उनके स्थान पर स्वस्थ डीएनए रखने में समर्थ बनाती है।
सरकारी पीपुल्स डेली ने आज खबर दी कि उम्मीद है कि यह तकनीक उन कैंसर रोगियों के लिए नया उपचार प्रदान कर सकती है जिन पर किमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी का असर नहीं हुआ है।
चेंगडू में सिचुआन विश्वविद्यालय के वेस्ट चाइना अस्पताल में हुए इस परीक्षण को जुलाई में अस्पताल के एक समीक्षा बोर्ड से नैतिक मंजूरी मिली थी।
इस अध्ययन की अगुवाई करने वाले लू यू ने नेचर से कहा, ‘‘इलाज के विकल्प बहुत ही सीमित हैं। यह तकनीकी मरीजों खासकर कैंसर मरीजों, जिनका हम रोजाना इलाज करते हैं, को लाभ पहुंचाने में बहुत ही कारगर है।’’
वैसे विशेषज्ञों का दावा है कि चीनी वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि से चीन और अमेरिका में बायोमेडिकल प्रतिस्पर्धा छिड़ सकती है।


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