लखनऊ.बीजेपी खुद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत बनाना चाहती है। यही वजह है कि पूर्वांचल में कुशीनगर के बाद अब मोदी पश्चिमी यूपी के वोटरों को लुभाने के लिए मुरादाबाद में रैली करने जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि मोदी मुरादाबाद रैली में नोटबंदी और तीन तलाक के मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेंगे। साथी ही वे पश्चिमी यूपी के जाट और मुसलमान समुदाया को भी साधने का प्रसास करेंगे।
नोटबंदी को भुनाने का प्रयास कर रही है बीजेपी
- वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि मोदी ने पहले पूर्वांचल पर फोकस किया। इसीलिए उन्होंने गाजीपुर में रैली की। इसके बाद जिस दिन भारत बंद था। उसके एक दिन पहले कुशीनगर में रैली की।
- कुशिनगर की रैली में उन्होंने पूरी तरह से नोटबंदी पर फोकस किया। इतना ही नहीं उन्होंने भारत बंद पर विरोधियों पर प्रहार किए। जिसका परिणाम ये रहा कि भारत बंद असफल रहा।
- उन्होंने नोटबंदी के जरिए लोगों का मन भी टटोला। यही काम अब मोदी पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी करने जा रहे हैं।
- वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी नोटबंदी का मुद्दा उठाकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
- मोदी इस समय हिंदुत्व की बजाय सबको एक साथ लेकर चलने और विकास के मुद्दे को ही प्रमुखता देंगे।
- उनकी कोशिश मुस्लिमों को सुरक्षा का भरोसा देने की भी होगी। वो हिंदू या मुस्लिम की बजाय भ्रष्टाचार और विकास को ज्यादा तवोज्जो देंगे।
- मोदी नोटबंदी के समर्थन को वोट में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि वो उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा रैलियां कर रहे हैं।
- इस मामले में अभी लोग परेशानी के बावजूद सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
- वहीं अगर ये समस्या 30 दिसंबर तक हल नहीं होती है तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड सकता है।
- वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का कहना है कि मोदी ने पहले पूर्वांचल पर फोकस किया। इसीलिए उन्होंने गाजीपुर में रैली की। इसके बाद जिस दिन भारत बंद था। उसके एक दिन पहले कुशीनगर में रैली की।
- कुशिनगर की रैली में उन्होंने पूरी तरह से नोटबंदी पर फोकस किया। इतना ही नहीं उन्होंने भारत बंद पर विरोधियों पर प्रहार किए। जिसका परिणाम ये रहा कि भारत बंद असफल रहा।
- उन्होंने नोटबंदी के जरिए लोगों का मन भी टटोला। यही काम अब मोदी पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी करने जा रहे हैं।
- वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी नोटबंदी का मुद्दा उठाकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
- मोदी इस समय हिंदुत्व की बजाय सबको एक साथ लेकर चलने और विकास के मुद्दे को ही प्रमुखता देंगे।
- उनकी कोशिश मुस्लिमों को सुरक्षा का भरोसा देने की भी होगी। वो हिंदू या मुस्लिम की बजाय भ्रष्टाचार और विकास को ज्यादा तवोज्जो देंगे।
- मोदी नोटबंदी के समर्थन को वोट में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि वो उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा रैलियां कर रहे हैं।
- इस मामले में अभी लोग परेशानी के बावजूद सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
- वहीं अगर ये समस्या 30 दिसंबर तक हल नहीं होती है तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड सकता है।
नोटबंदी और तीन तलाक के जरिए बनाना चाहते हैं माहौल
- जानकारों का कहना है कि मोदी मुरादाबाद की रैली में नोटबंदी के बाद मिले समर्थन को भुनाना चाहते हैं।
- लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद की पकड़ ढीली हुई है। वहीं बसपा का लोकसभा में सफाया होने के बाद बीजेपी को लग रहा है कि यही समय है जब वो पश्चिमी यूपी में खुद को मजबूत बना सकती है।
- जबकि सपा घर के ही झगड़े में उलझी हुई है। यही कारण है मोदी पूर्वांचल के बाद अब पश्चिमी यूपी में बिगुल बजाने जा रहे हैं।
- मोदी का मुख्य मुद्दा तो इस समय नोटबंदी ही होगा। जिस पर वो विपक्ष को घेरकर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
- वहीं तीन तलाक के मुद्दे को भी वो उठा सकते हैं। इससे वे उन मुस्लिम महिलाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकते हैं, जो तीन तलाक के खिलाफ हैं।
- ऐसे में अगर मुस्लिम महिलाओं का 50 प्रतिशत भी समर्थन बीजेपी को मिल गया तो पश्चिमी यूपी में बीजेपी को काफी फायदा हो जाएगा।
बीजेपी मोदी की रैली से सपा-बसपा के गढ़ में लगाना चाहती है सेंघ
- वरिष्ठ पत्रकार अशोक सिंह ने कहा कि बीजेपी इस बार बसपा और सपा के गढ़ में सेंध लगाना चाहती है।
- जिस तरह से बीजेपी ने लोकसभा में प्रदर्शन किया था और बसपा रालोद का सफाया हो गया था। उससे बीजेपी को लग रहा है कि अब वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत जड़ें बना सकती है।
- यही वजह है कि मोदी ने मुरादाबाद को चुना है। इसके जरिए जहां पश्चमी यूपी को कवर करेंगे, वहीं हरदोई बरेली जैसे क्षेत्र पर भी फोकस कर सकेंगे।
- वरिष्ठ पत्रकार अशोक सिंह ने कहा कि बीजेपी इस बार बसपा और सपा के गढ़ में सेंध लगाना चाहती है।
- जिस तरह से बीजेपी ने लोकसभा में प्रदर्शन किया था और बसपा रालोद का सफाया हो गया था। उससे बीजेपी को लग रहा है कि अब वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत जड़ें बना सकती है।
- यही वजह है कि मोदी ने मुरादाबाद को चुना है। इसके जरिए जहां पश्चमी यूपी को कवर करेंगे, वहीं हरदोई बरेली जैसे क्षेत्र पर भी फोकस कर सकेंगे।
इसलिए बीजेपी कर रही पश्चिमी यूपी पर फोकस
- दरअसल लोकसभा चुनाव में रालोद से जाटों का मोहभंग हो गया था और वो बीजेपी के हिस्से में चले गए थे।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 27 जिले हैं, जहां पर करीब 70 प्रतिशत आबादी हिंदुओ की है। इसमें ज्यादातर जाट और गुजर समुदाय के हैं।
- लोकसभा चुनाव में रालोद का सफाया हो गया था, जबकि पश्चिमी यूपी में कमजोर रहने वाली बीजेपी ने यहां से अच्छी खासी सीटें जीती थी।
- दरअसल लोकसभा चुनाव में रालोद से जाटों का मोहभंग हो गया था और वो बीजेपी के हिस्से में चले गए थे।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 27 जिले हैं, जहां पर करीब 70 प्रतिशत आबादी हिंदुओ की है। इसमें ज्यादातर जाट और गुजर समुदाय के हैं।
- लोकसभा चुनाव में रालोद का सफाया हो गया था, जबकि पश्चिमी यूपी में कमजोर रहने वाली बीजेपी ने यहां से अच्छी खासी सीटें जीती थी।