जबलपुर.5 सौ व 1 हजार के नोटबंदी होने के बाद करोड़ों के साैदे कर बैंकों में कैश जमा कराए गए, पर आयकर विभाग ने शहर के कुछ प्रमुख बिल्डरों के यहां छापे मारे थे। छापे के दौरान मिले दस्तावेजों की जांच में कमियों को स्वीकार करते हुए गाला व स्टार डेवलपर्स ने 5 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं। जानकारों के अनुसार इस राशि के जमा कराए जाने के बाद भी अभी केस समाप्त नहीं हुआ है और दस्तावेजों की सम्पूर्ण जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई प्रस्तावित की जा सकेगी। उधर रामपुर बंदरिया तिराहा स्थित कल्याणिका प्रमोटर्स एवं डेवलपर्स के जब्त किए गए दस्तावेजों की भी जांच जारी है।
ज्ञात हो कि नोटबंदी के बाद आयकर की टीम ने शहर के बिल्डर गाला डेवलपर्स, कल्याणिका प्रमोटर एंड डेवलपर्स, ओजस इम्पीरिया, स्टार डेवलपर्स व उसके सहयोगी संस्थान सेंचुरी डेवलपर्स व सेंचुरी प्रमोटर में छापे मारे थे। छापे के दौरान सभी बिल्डरों के दफ्तरों में दस्तावेजों की जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान मिले दस्तावेजों की जांच करने पर यह उजागर हुआ था कि बिल्डरों द्वारा जुलाई से लेकर अब तक कई बड़े सौदे किए गए थे और कैश बैंकों में जमा नोटबंदी के बाद कराए गए हैं। जांच के दौरान दस्तावेजों में गड़बड़ी को स्वीकारते हुए गाला डेवलपर्स, स्टार डेवलपर्स व उसके सहयोगी संस्थानों ने 5 करोड़ रुपये सरेंडर किए हैं। बिल्डरों द्वारा 5 करोड़ रुपये सरेंडर किए जाने के बाद भी इनके खिलाफ अभी जांच जारी रहेगी ओर जो भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं उनकी बारीकी से जांच की जाएगी।
रोजाना रहता है बड़ा खर्च
छापे के दौरान जुलाई में किए गए सौदों की रकम बैंकों में जमा न कराए जाने के पीछे बिल्डरों ने ये तर्क प्रस्तुत किए हैं कि उनका काम बड़े पैमाने पर चलता है और इसके लिए रोजाना खर्च के लिए बड़ी रकम लगती है, इसलिए वे अधिक कैश राशि अपने पास रखते हैं। नोटबंदी के बाद उनके पास जो कैश रकम पड़ी थी, वह बैंकों में जमा कराई गई है।
छापे के दौरान जुलाई में किए गए सौदों की रकम बैंकों में जमा न कराए जाने के पीछे बिल्डरों ने ये तर्क प्रस्तुत किए हैं कि उनका काम बड़े पैमाने पर चलता है और इसके लिए रोजाना खर्च के लिए बड़ी रकम लगती है, इसलिए वे अधिक कैश राशि अपने पास रखते हैं। नोटबंदी के बाद उनके पास जो कैश रकम पड़ी थी, वह बैंकों में जमा कराई गई है।
दस्तावेजों का ढेर लगा
जानकारों के अनुसार आयकर टीम ने बिल्डरों के ऑफिसों व उनकी साइडों पर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान कागजों का ढेर जमा हो गया। जानकारों के अनुसार इन कागजों में से अभी सिर्फ रिटर्न व बैंकों में जमा की गई राशि से संबंधित दस्तावेजों की ही जांच की जा रही है।
जानकारों के अनुसार आयकर टीम ने बिल्डरों के ऑफिसों व उनकी साइडों पर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान कागजों का ढेर जमा हो गया। जानकारों के अनुसार इन कागजों में से अभी सिर्फ रिटर्न व बैंकों में जमा की गई राशि से संबंधित दस्तावेजों की ही जांच की जा रही है।
बैक डेट में की गई एंट्री
जानकारों के अनुसार कुछ बिल्डरों द्वारा जुलाई से नवम्बर तक किए गए सौदों के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, इनमें से कुछ दस्तावेजों को संदिग्ध माना जा रहा है। इन दस्तावेजों में बैक डेट में एंट्री की जाने की संभावना नजर आने पर आयकर विभाग ऐसे दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहा है।
किसानों के खातों पर नजर
जानकारों के अनुसार नोटबंदी के बाद कालेधन को किसानों के खातों में जमा कराए जाने की संभावना को देखते हुए जिन किसानों के खाते संदिग्ध नजर आ रहे हैं उन पर आयकर टीम की नजर है। जल्द ही ऐसे किसानों को चिन्हित कर नोटिस जारी किए जा सकते हैं। जानकारों के अनुसार ऐसे खाते एक सैकड़ा से अधिक हैं, इन खातों में अचानक बड़ी रकम जमा कराई गई है। आयकर विभाग सूत्रों की मानें तो वह किसानों को परेशान नहीं करेगा, लेकिन पूछताछ कर अचानक आई रकम के संबंध में जानकारी मांगी जा सकती है।