नई दिल्ली। बेंगलुरु में पैदा हुए पले-बढ़े विक्रम का पहला प्यार यह शहर ही है। एमबीए कर लेने के बाद उन्होंने कई एमएनसी जैसे जीई मनी, सिटीबैंक आदि में काम किया। 2008 में उन्होंने अपनी पहली पुस्तक मैसूर के राजा वडियार पर लिखी। 13 वर्ष की उम्र से मैसूर के राजमहल में जाते रहते थे। लेकिन इतिहास में रुझान तब हुआ, जब संजय खान के ड्रामा टीपू सुल्तान का विरोध किया गया। बतौर बालक उनके मन में इस बात का रुझान हो गया कि इसके पीछे सच क्या है।
- दूसरी पुस्तक 2 साल बाद आई ‘माय नेम इस गौहर जान’। इस पुस्तक ने उन्हें खूब ख्याति दिलाई। गौहर जान, उनके नाम पर क्लासिकल संगीत का पहला ग्रामोफोन है।
- राजश्री बिड़ला, पंडित जसराज, उस्ताद अमजद अली खान, पंडित शिवकुमार शर्मा ने उनकी खूब प्रशंसा की और सोनिया गांधी ने तो उन्हें 10 जनपथ पर ही आमंत्रित कर लिया।
- दरअसल सोनिया और राजीव गांधी को पुराने ग्रामोफोन कलेक्शन का शौक रहा है।
- जब सोनिया ने विक्रम को आमंत्रित किया तो विक्रम चौंक गए कि सोनिया को भारतीय शास्त्रीय संगीत की काफी मालूमात है।
- उन्होंने विक्रम से किशोरी अमोणकर और जयपुर के अत्रौली घराने पर चर्चा की।
- चार साल की उम्र से संगीत सीखने वाले विक्रम खुद भी स्टेज पर परफॉर्म करने की तैयारी में थे, लेकिन दूसरा विचार आया कि क्यों न संगीत की सेवा पुस्तकों के जरिए की जाए।
(क्यों चर्चा में- उन्हें सिम्बायोसिस, बेंगलुरू के डायरेक्टर पद से हटाया गया है।)
पीएम से लेकर राष्ट्रपति से भी की मुलाकत
- अपनी पुस्तकों की वजह से ही वे पिछले साल राष्ट्रपति भवन में ‘राइटर इन रेसीडेंस’ बतौर आमंत्रित किए गए थे।
- अपनी पुस्तकों की वजह से ही वे पिछले साल राष्ट्रपति भवन में ‘राइटर इन रेसीडेंस’ बतौर आमंत्रित किए गए थे।
- उन्हीं दिनों उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई। उन्होंने ही आर्काइव्स ऑफ इंडियन म्यूजिक बनाया है, जो एक निजी ट्रस्ट है और उनके माता-पिता इसके ट्रस्टी हैं।
- वे हमेशा अपने कदमों से लोगों को चौंका देते हैं। पांच साल पहले शुरू किए गए बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल के वे सह संस्थापक रहे, लेकिन पिछले साल उन्होंने इसके निदेशक पद से इस्तीफा अचानक दे दिया।
- पिछले साल ही विक्रम बेंगलुरु स्थित सिम्बाेयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन के नए डायरेक्टर बनाए गए थे। हाल ही में बर्खास्त कर दिए गए हैं।
- उनका लैपटॉप आदि भी जब्त कर लिए गए। पद से हटने पर विक्रम ने चौंकाते हुए प्रबंधन पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
- प्रबंधन ने इससे इंकार किया है। प्रबंधन ने कहा है कि वे बिना सूचना के फरवरी से कॉलेज नहीं आए और खर्च बाकायदा मांगते रहे। जो बजट के बाहर था।
ये भी जानें इनके बारे में
आयु- 34 वर्ष
शिक्षा- श्री अरविंदो मेमोरियल स्कूल, बिशप कॉटन बॉयज स्कूल, बिट्स से इंजीनियरिंग की डिग्री, मैथ्स में मास्टर डिग्री, मुंबई एसपी जैन से एमबीए फाइनेंस।
क्यों चर्चा में- उन्हें सिम्बायोसिस, बेंगलुरू के डायरेक्टर पद से हटाया गया है।
शिक्षा- श्री अरविंदो मेमोरियल स्कूल, बिशप कॉटन बॉयज स्कूल, बिट्स से इंजीनियरिंग की डिग्री, मैथ्स में मास्टर डिग्री, मुंबई एसपी जैन से एमबीए फाइनेंस।
क्यों चर्चा में- उन्हें सिम्बायोसिस, बेंगलुरू के डायरेक्टर पद से हटाया गया है।