8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था, तब ज्यादातर लोगों ने पुराने नोटों से गोल्ड खरीदा था। इसी डिमांड के चलते एक तौला गोल्ड की कीमत 45 हजार रुपए तक हो गई थी। हालांकि, वे लोग जो मार्केट से गोल्ड खरीदते हैं वो कई बार कुछ ऐसी चीजें फेंक देते हैं, जिसमें गोल्ड छिपा होता है। उन्हें इस बात का पता नहीं होता कि जिस चीज को वो फेंक रहे हैं उसमें गोल्ड छिपा हुआ है। इनमें एक नाम मोबाइल की भी है। जी हां, फीचर फोन के अंदर कई पार्ट्स ऐसे होते हैं जिसमें गोल्ड लगा होता है। ऐसे निकाल सकते हैं फोन में लगा गोल्ड...
एक्सपर्ट की मानें तो मोबाइल के कई पार्ट्स को सोने से कोटेड किया जाता है। गोल्ड की कंडेक्टिविटी सबसे ज्यादा होती है। चांदी की कंडेक्टिविटी भी ज्यादा होती है, लेकिन इसका ऑक्सीकरण भी होता है। इसकी के चलते महंगा होने के बावजूद गोल्ड का इस्तेमाल इन पार्ट्स में किया जाता है। ज्वैलरी एक्सपर्ट जितेंद्र सोनी बताते हैं गोल्ड पर आसानी से स्क्रैच नहीं आते। बता दें कि मोबाइल के मदरबोर्ड, चिप के साथ अन्य पार्ट्स में गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिका कर चुका है सर्वे :
यूएस जिओलॉजिकल सर्वे में ये बात सामने आई है कि मोबाइल फोन में गोल्ड, कॉपर, सिल्वर के साथ प्लेटिनम का भी इस्तेमाल किया जाता है। इन सभी मेटल का इस्तेमाल फोन में अलग-अलग यूज के लिए किया जाता है। सर्वे के मुताबिक एक फोन में करीब 0.034 ग्राम गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी कीमत करीब 250 रुपए के करीब हो सकती है। इसके अलावा, फोन में 0.35 चांदी, 0.00034 ग्राम प्लेटिनम और 16 ग्राम कॉपर होता है।