भारत-रूस संबंधों में पुरानी गर्माहट लाने की कोशिश

नई दिल्ली। क्या रूस दशकों पुराने अपने मित्र भारत की शर्त पर चीन व पाकिस्तान के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा? कूटनीति में इस तरह के सवालों का जवाब मिलने में थोड़ा वक्त लगता है।
लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा के बाद इसका जवाब तलाशा जा सकता है। मोदी एक जून से तीन जून तक रूस की यात्रा पर होंगे जहां वह दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
पिछले वर्ष जब से रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करने पर भारत की आपत्तियों को नजरअंदाज किया था तभी से मोदी सरकार रूस के साथ कूटनीतिक रिश्तों में नई गर्मजोशी लाने की कोशिश कर रही है।
केंद्र सरकार ने रूस के साथ हथियार खरीदने के लंबित प्रस्तावों को न सिर्फ तेजी से मंजूरी दी बल्कि द्विपक्षीय आर्थिक कारोबार को बढ़ाने का नया प्रस्ताव भी तुरंत तैयार कर लिया। रूस की तरफ से भी संतोषप्रद प्रतिक्रिया मिली है।
केंद्र सरकार नजाकत को समझ रही है तभी हर मंत्रालय को अपने स्तर पर रूस के साथ लंबित मामलों पर तेजी से फैसला करने को कहा गया है।

Post a Comment

[blogger]

MKRdezign

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget