नई दिल्ली : फिल्मकार प्रकाश झा का कहना है कि सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने उनकी आने वाली फिल्म ‘जय गंगाजल’ में से ‘साला’ शब्द और कुछ दृश्य हटाने को कहा है, वह उचित नहीं हैं।
झा ने कहा कि जो दृश्य फिल्म मे से हटाने को कहे गए हैं उससे फिल्म की वास्तविक कहानी खो जाएगी। इसलिए उन्होंने सेंसर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति के पास जाने का निर्णय लिया है। झा ने कहा, ‘मैं क्या कह सकता हूं? वह फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट देना चाहते थे। जब मैंने उनसे ऐसा करने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ‘फिल्म में काफी अपशब्द हैं। जैसे साला। वह फिल्म में से कुछ शब्द और दृश्य हटावाना चाहते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे शब्द और दृश्य अनुचित हैं। यह आमतौर पर लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं। यह फिल्म की कहानी के मद्देनजर जरूरी भी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘फिल्म में कुछ भी खुलकर नहीं दिखाया गया। मेरी फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है और उसमें ये बदलाव करना अनुचित होगा।’
झा ने कहा कि जो दृश्य फिल्म मे से हटाने को कहे गए हैं उससे फिल्म की वास्तविक कहानी खो जाएगी। इसलिए उन्होंने सेंसर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति के पास जाने का निर्णय लिया है। झा ने कहा, ‘मैं क्या कह सकता हूं? वह फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट देना चाहते थे। जब मैंने उनसे ऐसा करने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ‘फिल्म में काफी अपशब्द हैं। जैसे साला। वह फिल्म में से कुछ शब्द और दृश्य हटावाना चाहते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे शब्द और दृश्य अनुचित हैं। यह आमतौर पर लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द हैं। यह फिल्म की कहानी के मद्देनजर जरूरी भी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘फिल्म में कुछ भी खुलकर नहीं दिखाया गया। मेरी फिल्म सामाजिक मुद्दों पर आधारित है और उसमें ये बदलाव करना अनुचित होगा।’
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