नासिक। गुडी पर्व के अवसर पर हजारों श्रद्धालु रामकुंड में डुबकी लगाते हैं। लेकिन इस बार वे इससे वंचित रह जाएंगे, क्योंकि पिछले 130 वर्षों में पहली बार नासिक का यह पवित्र रामकुड सूख गया है। इस वर्ष राज्य में सूखा इस तरह व्याप्त है कि नासिक का रामकुंड भी पूरी तरह सूख गया है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
इस कुंड के सूख जाने से श्रद्धालुओं में निराशा है और कार्यकर्ताओं व पुजारियों द्वारा नासिक नगर निगम को कुंड में पानी लाने के सुझाव दिए जा रहे हैं।
यह कुंड इस कदर सूख गया है कि बच्चे यहां क्रिकेट खेल रहे हैं। हजारों श्रद्धालु इस पवित्र कुंड में स्नान करते हैं, लेकिन अब इसके सूख जाने से सभी लोग निराश हैं।
श्री गंगा गोदावरी पंच कोटी पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने कहा, ‘ इस कुंड की तली को 2003 के कुंभमेला में कंक्रीट का बना दिया गया और इसके सूखने की समस्या का जड़ भी यही है। जब तक यह हटाया नहीं जाएगा तब तक यह समस्या बनी रहेगी।‘ इस सूखे से जिला में व्यापार ही नहीं बल्कि पर्यटन भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
इस कुंड के सूख जाने से श्रद्धालुओं में निराशा है और कार्यकर्ताओं व पुजारियों द्वारा नासिक नगर निगम को कुंड में पानी लाने के सुझाव दिए जा रहे हैं।
यह कुंड इस कदर सूख गया है कि बच्चे यहां क्रिकेट खेल रहे हैं। हजारों श्रद्धालु इस पवित्र कुंड में स्नान करते हैं, लेकिन अब इसके सूख जाने से सभी लोग निराश हैं।
श्री गंगा गोदावरी पंच कोटी पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने कहा, ‘ इस कुंड की तली को 2003 के कुंभमेला में कंक्रीट का बना दिया गया और इसके सूखने की समस्या का जड़ भी यही है। जब तक यह हटाया नहीं जाएगा तब तक यह समस्या बनी रहेगी।‘ इस सूखे से जिला में व्यापार ही नहीं बल्कि पर्यटन भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
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