नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना में सबसे रोचक परिणाम पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से मिले हैं जहां बंगाल में सत्तासीन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने पिछली बार से भी कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए लगभग तीन-चौथाई बहुमत का आंकड़ा छू लिया, वहीं तमिलनाडु में तमाम एक्जिट पोल के उलट जनता ने वर्ष 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता तक पहुंचाया है। असम पर भाजपा का कब्जा हो गया है और किसी पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा सत्ता हासिल करने में सफल रही।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ जे जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक को इस बार भी स्पष्ट बहुमत मिला है, जिससे एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक के साथ मिलकर लड़ रही कांग्रेस का सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूट गया। उधर, केरल में भी कांग्रेस-नीत यूडीएफ के हाथ से सत्ता छिन गई और वाम गठबंधन एलडीएफ को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है। पश्चिम बंगाल की चुनावी मतगणना से एक और दिलचस्प बात यह सामने आई है कि वहां वामदल तीसरे नंबर पर खिसक गई है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को उनसे ज्यादा सीटें मिली है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ जे जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक को इस बार भी स्पष्ट बहुमत मिला है, जिससे एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक के साथ मिलकर लड़ रही कांग्रेस का सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूट गया। उधर, केरल में भी कांग्रेस-नीत यूडीएफ के हाथ से सत्ता छिन गई और वाम गठबंधन एलडीएफ को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है। पश्चिम बंगाल की चुनावी मतगणना से एक और दिलचस्प बात यह सामने आई है कि वहां वामदल तीसरे नंबर पर खिसक गई है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को उनसे ज्यादा सीटें मिली है।
असम पर भाजपा का कब्जा हो गया है और किसी पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा सत्ता हासिल करने में सफल रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम परिणामों को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जीत बताया है और पार्टी कार्यकाताओं, नेताओं एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी। कांग्रेस के लिए पुदुचेरी एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी को कुछ सांत्वना मिली है और वह जीत हासिल करने के करीब है।
असम विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन मिशन 84 के लक्ष्य को पार करते हुए जबर्दस्त जीत के साथ इतिहास रचने के करीब है और पार्टी 15 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को हटाकर पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में भाजपा की जीत को ‘ऐतिहासिक’ और ‘अभूतपूर्व’ करार देते हुए कहा कि पार्टी राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और राज्य को विकास की नयी उंचाइयों तक ले जायेगी ।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘ असम में अभूतपूर्व जीत के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता को हृदय से बधाई । यह जीत सभी मानकों पर ऐतिहासिक है। ’ असम में भाजपा की जीत के सूत्रधारों में शामिल पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल ने आज कहा कि राज्य में नयी सरकार की मुख्य प्राथमिकता वृहद असमिया समुदाय के हितों को सुरक्षा प्रदान करना होगा । दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने युवा नेता एवं केंद्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया और लोगों ने उनमें विश्वास जताकर पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार माने जाने वाले असम में भाजपा के सत्तासीन होने का मार्ग प्रशस्त किया।
चार राज्यों और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तमिलनाडु में सामने आयी है जहां अन्नाद्रमुक ने शानदार जीत हासिल की है। हालांकि मतदान बाद के सर्वेक्षणों में उसके सत्ता से बाहर जाने की भविष्यवाणियां जोर-शोर से की गयी थीं । जयललिता की अगुवाई में अन्नाद्रमुक ने भी नया चुनावी इतिहास रच दिया । 1989 के बाद से तमिलनाडु की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं सौंपी थी लेकिन अब की बार यह परंपरा टूट गयी। केरल ने अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ गठबंधन को बाहर का रास्ता दिखाकर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा को मौका दिया ।
दूसरी तरफ पुडुचेरी में सत्तारूढ़ एआईएनआरसी को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया। चुनाव आयोग के अनुसार इस केंद्र शासित प्रदेश की 30 सीटों में से कांग्रेस को 15 और उसकी सहयोगी द्रमुक को दो सीटें मिली हैं। मुख्यमंत्री एन रंगासामी के लिए यह बड़ा झटका है जो चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे थे।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ जे जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक को इस बार भी स्पष्ट बहुमत मिला है, जिससे एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक के साथ मिलकर लड़ रही कांग्रेस का सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूट गया। उधर, केरल में भी कांग्रेस-नीत यूडीएफ के हाथ से सत्ता छिन गई और वाम गठबंधन एलडीएफ को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है। पश्चिम बंगाल की चुनावी मतगणना से एक और दिलचस्प बात यह सामने आई है कि वहां वामदल तीसरे नंबर पर खिसक गई है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को उनसे ज्यादा सीटें मिली है।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ जे जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक को इस बार भी स्पष्ट बहुमत मिला है, जिससे एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक के साथ मिलकर लड़ रही कांग्रेस का सत्ता हासिल करने का ख्वाब टूट गया। उधर, केरल में भी कांग्रेस-नीत यूडीएफ के हाथ से सत्ता छिन गई और वाम गठबंधन एलडीएफ को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिला है। पश्चिम बंगाल की चुनावी मतगणना से एक और दिलचस्प बात यह सामने आई है कि वहां वामदल तीसरे नंबर पर खिसक गई है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को उनसे ज्यादा सीटें मिली है।
असम पर भाजपा का कब्जा हो गया है और किसी पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा सत्ता हासिल करने में सफल रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम परिणामों को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जीत बताया है और पार्टी कार्यकाताओं, नेताओं एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी। कांग्रेस के लिए पुदुचेरी एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी को कुछ सांत्वना मिली है और वह जीत हासिल करने के करीब है।
असम विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन मिशन 84 के लक्ष्य को पार करते हुए जबर्दस्त जीत के साथ इतिहास रचने के करीब है और पार्टी 15 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को हटाकर पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में भाजपा की जीत को ‘ऐतिहासिक’ और ‘अभूतपूर्व’ करार देते हुए कहा कि पार्टी राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और राज्य को विकास की नयी उंचाइयों तक ले जायेगी ।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘ असम में अभूतपूर्व जीत के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता को हृदय से बधाई । यह जीत सभी मानकों पर ऐतिहासिक है। ’ असम में भाजपा की जीत के सूत्रधारों में शामिल पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल ने आज कहा कि राज्य में नयी सरकार की मुख्य प्राथमिकता वृहद असमिया समुदाय के हितों को सुरक्षा प्रदान करना होगा । दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने युवा नेता एवं केंद्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश किया और लोगों ने उनमें विश्वास जताकर पूर्वोत्तर के प्रवेश द्वार माने जाने वाले असम में भाजपा के सत्तासीन होने का मार्ग प्रशस्त किया।
चार राज्यों और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तमिलनाडु में सामने आयी है जहां अन्नाद्रमुक ने शानदार जीत हासिल की है। हालांकि मतदान बाद के सर्वेक्षणों में उसके सत्ता से बाहर जाने की भविष्यवाणियां जोर-शोर से की गयी थीं । जयललिता की अगुवाई में अन्नाद्रमुक ने भी नया चुनावी इतिहास रच दिया । 1989 के बाद से तमिलनाडु की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं सौंपी थी लेकिन अब की बार यह परंपरा टूट गयी। केरल ने अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ गठबंधन को बाहर का रास्ता दिखाकर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा को मौका दिया ।
दूसरी तरफ पुडुचेरी में सत्तारूढ़ एआईएनआरसी को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया। चुनाव आयोग के अनुसार इस केंद्र शासित प्रदेश की 30 सीटों में से कांग्रेस को 15 और उसकी सहयोगी द्रमुक को दो सीटें मिली हैं। मुख्यमंत्री एन रंगासामी के लिए यह बड़ा झटका है जो चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे थे।
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